फर्जी फर्म बनाकर जीएसटी की करते थे चोरी, अब तक सरकार को हजारों करोड़ रुपये का लगा चुके चूना।
पुलिस ने गिरोह के मास्टर माइंड और उसकी पत्नी समेत 8 आरोपिओं को गिरफ्तार कर भेजा जेल।
नोएडा – कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस और साइबर सेल ने ज्वाइंट ऑपरेशन चला कर एक ऐसे अंतरराज्यीय गैंग के मास्टर माइंड और उसकी पत्नी सहित 8 आरोपिओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा हैं, जो फर्जी डेटाबेस के आधार पर फर्जी फर्म जीएसटी नंबर बनाकर सरकार के राजस्व में हजारों करोड़ का चूना लगाने के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का काम कर रहा था। पुलिस ने इनके कब्जे से 12 लाख 66 हजार रुपये नगद, 2660 फर्मों के फर्जी जी एस टी नंबर की सूची, 32 मोबाईल, 24 कम्प्यूटर, 4 लैपटॉप, 118 फर्जी आधार कार्ड, 140 पैन कार्ड और बिलिंग कॉपी सहित तीन लग्जरी कार बरामद की हैं। पकड़ा गया गैंग दो टीमें बनाकर इस अपराध को अंजाम दे रहा था।
आपको बता दें कि नोएडा कोतवाली सेक्टर -20 पुलिस को मुखबिर से मिली सूचना व सर्विलांस की मदद से किए गए सर्च ऑपरेशन के प्रयास से एक ऐसे अंतरराज्जीय गैंग के मास्टर माइंड व उसकी पत्नी सहित 8 आरोपिओं को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली हैं जो फर्जी फर्मों के नाम पर फर्जी जी एस टी नंबर बनाकर सरकार को अब तक हजारों करोड़ रुपयों का चूना लगा चुके हैं। पुलिस की गिरफ्त में खड़े मोहम्मद यासीन शेख, अश्वनी पांडे, अकाश सैनी, विशाल, राजीव, अतुल सेंगर, दीपक मुजमानी और श्रीमती वनिता को मधु विहार दिल्ली से गिरफ्तार किया है। इन सभी पर आरोप है कि यह फर्जी फर्म जीएसटी नंबर तैयार कर बिना माल की डिलीवरी किए बिल बनाते थे. फिर उस बिल के आधार पर जीएसटी रिफंड लेकर सरकार को हजारों करोड़ों का चूना लगा रहे थे. पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत साइबर सेल और थाना सेक्टर 20 पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाते हुए तकनीकी और मुखबिर की सूचना पर इन लोगों को गिरफ्तार किया है।
गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि यह गिरोह दो टीमें बनाकर सरकार के राजस्व में सेंधमारी कर रहे थे, पहली टीम का मास्टरमाइंड दीपक मुजमानी टीम को संचालित कर रहा था. वह फर्जी दस्तावेज तैयार कर आधार कार्ड,पैन कार्ड, रेंट एग्रीमेंट, इलेक्ट्रिसिटी बिल आदि का उपयोग कर फर्जी फर्म जीएसटी नंबर तैयार करना और फर्जी फर्म को बेचने के लिए क्लाइंट को तलाश करने का काम करता था। फर्म को बेचने के लिए मोटी रकम वसूली जाती थी. इस फॉर्म में फर्जी पैन कार्ड लिंक होता है और उस पैन कार्ड से जीएसटी नंबर बनाए जाते हैं.
प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि वही दूसरी टीम का संचालन गिरोह के मास्टरमाइंड दीपक मुजमानी की पत्नी विनीता कर करती थी, इस टीम काम फर्जी फर्म जीएसटी नंबर सहित फर्म को प्रथम टीम से खरीद कर फर्जी बिल का उपयोग कर जीएसटी रिफंड प्राप्त कर सरकार को हजारों करोड़ का चुना लगाने का था. इसके अलावा विनीता और जीएसटी रिफंड से होने वाली इनकम का लेखा-जोखा रखती थी और टीम के सदस्यों का कमीशन और खर्चे का भी प्रबंधन का कार्य करती थी.
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि कोतवाली सेक्टर -20 पुलिस व साइबर सैल टीम ने इनके कब्जे से 12 लाख 66 हजार रुपये नकद, 2660 फर्जी तैयार की गई जीएसटी फॉर्म, 12 मोबाइल 24 कंप्यूटर 4 लैपटॉप तीन हार्ड डिस्क 118 फर्जी आधार कार्ड 140 पैन कार्ड बिलिंग कॉपी और तीन लग्जरी कार बरामद किया है। वही इस गैंग के अंत सात आरोपी बांछित हैं जिनकी पुलिस तलाश कर रही हैं। उन्होंने बताया कि अन्य आरोपिओं की गिरफ्तारी के बाद पुलिस कमिश्नरेट द्वारा इस गैंग के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कारवाही की जाएगी। वही पुलिस कमिश्नरेट द्वारा डीसीपी नोएडा, एडीसीपी नोएडा, एसीपी नोएडा जोन सहित साइबर सैल व कोतवाली सेक्टर -20 पुलिस टीम को 25 हजार रूपये से पुरस्कृति किया जायेगा।