एआरटीओ कार्यालय पर महा पंचायत करने पहुँचे किसानों से आखिर पुलिस अधिकारिओं की क्यों हुई नौक – झोंक? जानिये पूरा मामला।

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धारा -144 की धज्जियाँ उड़ा भाकियू के नेतृत्व में सैकड़ो किसानों ने एआरटीओ का किया घिराव।
एनजीटी का नियम और भ्रष्टाचार पर किसानों ने की महापंचायत,
नोएडा – भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के बैनर तले आज सैकड़ों किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली पर सवार हो नोएडा के सेक्टर-33 स्थित एआरटीओ कार्यालय का घिराव करने पहुँचे किसानों की पुलिस अधिकारिओं के साथ तीखी नौक – झोंक हुई। जिसका सोशल मीडिया पर वीडिओ जमकर वायरल हो रहा हैं वही पुलिस अधिकारिओं के साथ हुई नौक – झोंक के बाद किसानों ने महापंचायत शुरू की। वही किसानों की मांग थी  कि एनजीटी के नियमानुसार 10 वर्ष पुराने ट्रैक्टरों को कबाड़ होने से बचाने, इनके चालान बंद किया जाये। वही किसानों का आरोप हैं कि एआरटीओ कार्यालय में भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी, अनियमितताओं एवं अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा किसानों के साथ किए जा रहे दुर्व्यवहार को रोका जाये । महापंचायत शुरू होते ही पुलिस के आलाधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए।
किसानों और पुलिस अधिकारियों के बीच हुई तीखी नोकझोंक, नौक – झोंक का वीडियो हुआ वायरल।
आपको बता दें कि जिला प्रशासन द्वारा जिले में शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के उद्देश्य से धारा -144 लागू की गई हैं जो पुनः एक अप्रैल 2023 से 30 अप्रैल 2023 तक लागू हैं। जिसकी धज्जियाँ उड़ाते हुए आज भाकियू ( टिकैत ) के बैनर तले संगठन के  कार्यकर्त्ता सैकड़ो किसानों के साथ ट्रेक्टर पर सवार हो नोएडा के सेक्टर -33 स्थित एआरटीओ का घेराव करने पहुँचे। वही जब पुलिस प्रशासन के अधिकारिओं द्वारा धारा -144 का हवाला देते हुए उन्हें रोकने का प्रयास किया गया तो किसानों और पुलिस अधिकारिओं के बीच तीखी नौक – झोंक हो गई। वही मौक़े की नजाकत को देखते हुए ए आरटीओ ऑफिस पर भारी पुलिस फ़ोर्स तैनात कर दिया गया।
ट्रैक्टर से पहुंचे सैकड़ों किसानों के चलते लगा जाम, वही एआरटीओ ऑफिस में काम को आये लोग हुए परेशान,
किसानों द्वारा ए आर टी ओ प्रांगण में महापंचायत शुरू हुई जिसमें किसानों की मांगों को रखते हुए भाकियू (टिकैत) के पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा कि एआरटीओ के अधिकारिओं द्वारा  किसानों के ट्रेक्टरों को अनैतिक तरीके से चालान कर उन्हें परेशान किया जाता हैं साथ ही एआरटीओ ऑफिस में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर हैं जिस पर विराम लगाने के लिए आज हम सेकड़ों किसान यहाँ एकत्रित हुए हैं और महा पंचायत कर रहे हैं साथ ही ट्रेफिक पुलिस कर्मियों द्वारा किसानों के ट्रेक्टरों का भी चालान किया जाता हैं। जो सरासर किसानों के साथ गलत किया जा रहा है जिसे हम कतई बर्दास्त नहीं करेंगें।
वही एआरटीओ  प्रशासन डॉ0 सियाराम वर्मा ने किसानों द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं एआरटीओ ऑफिस के अधिकारिओं द्वारा जिन ट्रेक्टर के विरुद्ध कार्रवाई की जाती हैं वह कही न कही उन ट्रैक्टरों का इस्तेमाल लोग कमर्शियल एक्टिविटी के लिए कर रहे हैं जिन्हें नियमत: बंद किया जाता है और उनके चालान भी किए जा रहे हैं। जबकि किसानों के जो भी ट्रेक्टर होते हैं उनकी विभाग द्वारा जो भी सम्भव मदद होती हैं की जाती हैं वही किसानों द्वारा भ्रष्टाचार से सम्बंधित लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए डॉ सियाराम वर्मा ने कहा कि  कार्यालय में लाइसेंस सहित अन्य सभी कार्य की प्रक्रिया सरकार द्वारा ऑनलाइन शुरू की जा चुकी हैं जिसमें कार्यालय से सम्बंधित कोई भी कार्य नहीं किया जाता हैं फिर भी यदि किसी को कोई परेशानी होती हैं तो उसकी न्यायोचित जो संभव मदद होती हैं की जाती हैं। फिर भी आज किसानों द्वारा जो समस्याएं हमारे सम्मुख रखी गई हैं उनका जो भी न्यायोचित जो भी समाधान होगा किया जायेगा।
वही किसानों द्वारा नोएडा ट्रेफिक पुलिस पर लगाए गए आरोपों को महापंचायत में उपस्थित डी सी पी ट्रेफिक अनिल कुमार यादव ने खंडन करते हुए कहा कि मुझे इस तरह की किसी भी बात की जानकारी नहीं हैं अब आप लोगों द्वारा मेरे संज्ञान में लाया गया हैं जिसकी जानकारी की जाएगी। वही जहाँ तक में समझता हूँ। कि किसानों के ट्रेक्टरों को नहीं रोका जाता हैं और नहीं चालान किया जाता हैं फिर भी यदि ऐसा कुछ हैं तो इस सम्बन्ध में में अपने उच्च अधिकारिओं के बीच आपकी इन समस्याओं को रखेंगे और जो भी किसानों के हित में संभव प्रयास होंगे किए जायेगें।
आखिर अंत में प्रदर्शन कारिओ की मांगों पर सहिमत हो जाने के बाद भाकियू ( टिकैत ) के कार्यकर्त्ताओं द्वारा की जा रही पंचायत को समाप्ति कर दिया गया। अब सवाल यह उठता हैं कि जिले में धारा -144 लगी होने के बाद आखिर यह आंदोलन किस अनुमति के तहत किया गया। क्या किसानों द्वारा की गई महापंचायत की अनुमति प्रशासन से किसानों द्वारा मांगी गई थी और यदि मांगी गई थी तो क्या प्रशासन द्वारा किसानों को महापंचायत की अनुमति प्रदान की गई थी और अगर नहीं तो जिले में लगी धारा -144 का उलंघन करने वाले लोगों के विरुद्ध जिला प्रशासन व पुलिस कमिश्नरेट क्या कार्रवाई अमल में लाएगी ? क्यों कि क़ानून देश के प्रत्येक नागरिक के लिए लागू होता हैं?