स्वच्छ सर्वेक्षण में नौएडा प्राधिकरण वर्ष 2023 में भी करेगा प्रतिभाग, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने मीटिंग कर सम्बंधित विभाग को क्या – क्या दिए निर्देश?

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स्वच्छ सर्वेक्षण में नौएडा प्राधिकरण लगातार कर रहा हैं प्रतिभाग।
वर्ष 2019 में 150वीं रैंक के बाद वर्ष 2022 में नौएडा ने बेस्ट सस्टेनेबल सिटी की उपाधि हासिल की है।
नौएडा ने गार्बेज फ्री शहरों की रैंकिंग में 5 स्टार रैंकिंग अर्जित की है।

नोएडा – नौएडा स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में भी प्रतिभाग कर रहा है। नौएडा शहर को और भी अधिक स्वच्छ एवं सुन्दर बनाने एवं स्वच्छ सर्वेक्षण में पूरे भारत में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए नौएडा प्राधिकरण द्वारा अनेकों प्रयास किए जा रहे है। इसी क्रम में बीते 15 दिसंबर को प्रभाष कुमार, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अध्यक्षता में मीटिंग आयोजित की गई। जिसमें एस0पी0 सिंह उपमहाप्रबन्धक (जन स्वा०), आर0पी0 सिंह उपमहाप्रबन्धक (जल), विजय रावल परियोजना अभि0 (जन स्वा०) एवं वरिष्ठ प्रबन्धक (वर्क सर्किल -1-10) सम्मिलित थे।

आपको ज्ञात होगा कि स्वच्छ सर्वेक्षण में नौएडा प्राधिकरण लगातार कर रहा हैं जिसके सम्बन्ध में नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा कि गई मीटिंग में सभी विभागों को उनके विभाग के अनुरूप कार्य प्रदत्त किये गये एवं एक वर्क प्लान भी बनाया गया। जिसमें सिविल विभाग को निर्देशित किया गया कि नौएडा शहर के नालों में जहां कहीं भी ट्रेश क्लीनर्स / बम्बू स्क्रीन्स की आवश्यकता हो, ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जाए। नौएडा शहर के समस्त जल निकायों, नालों एवं तालाबों पर एंटी लिटिरिंग मैसेज वाले बोर्ड लगाए जाए। नौएडा शहर के समस्त फुटपाथ / साईड रोड / क्रॉसिंग का नियमित एवं सुचारू रूप से रखरखाव किया जाए। नौएडा शहर की समस्त सार्वजनिक दीवारों पर किसी भी प्रकार के बैनर, पोस्टर आदि नहीं लगे होने चाहिए। नौएडा शहर के समस्त नालियां / नाले जिसकी चौड़ाई 1 मी0 से अधिक हो, ऐसे नालियों / नालों पर हर 1000 मी0 की दूरी पर स्क्रीन्स/ बार्स / ट्रेश अरेस्टर्स लगाए जाने सुनिश्चित करें। नौएडा शहर के सभी शौचालयों एवं नालियों / नालों के आसपास किसी भी प्रकार का अतिक्रमण नहीं होना चाहिए।

इस दौरान उन्होंने जल विभाग को निर्देशित किया गया कि नालियों / नालों में किसी भी प्रकार अनुपचारित मल कीचड़ का खुला निर्वहन नहीं होना चाहिए। STPS और SPSS के बिजली खपत का नियमित लॉगबुक बनाया जाना सुनिश्चित करें। STPS के इनलेट और आउटलेट एवं पम्पिंग स्टेशन पर डिजिटल अथवा अल्ट्रासॉनिक फ्लो मेटर्स लगाया जाए। उपचारित अपशिष्ट जल के पुनः उपयोग हेतु लगाए गए समस्त पाईपों पर फ्लो मेटर लगाए जाए STPs पर तैनात समस्त कर्मचारियों हेतु PPE किट एवं सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाए। STPs एवं सीवरेज के रखरखाव के O&M लागत का नियमित अभिलेख बनाया जाए।