लैप्स पालिसी सेटलमेंट के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, महिला कॉन्स्टेबल समेत पांच गिरफ्तार
गिरोह को संरक्षण दे रहे साइबर सेल प्रभारी और एच्छर चौकी इंचार्ज निलंबित
गौतमबुद्ध नगर – पुलिस के संरक्षण में चल रहे लैप्स इंश्योरेंस पॉलिसी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का साइबर सेल ग्रेटर नोएडा और दादरी कोतवाली पुलिस की सयुंक्त टीम ने खुलासा किया हैं। इस मामले में एक महिला पुलिसकर्मी सहित 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. वही इस गिरोह का मास्टरमाइंड महिला पुलिसकर्मी का पति था. इस गिरोह को संरक्षण देने के आरोप में तत्कालीन ग्रेटर नोएडा जोन साइबर सेल प्रभारी और एच्छर चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया है. रिश्वत लेकर डील करने वाले सहारनपुर में तैनात एक पुलिसकर्मी की पुलिस तलाश कर रही है।
आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा साइबर सेल व दादरी कोतवाली पुलिस टीम से एक महिला सहित पाँच ऐसे शातिर ठग दीपक कुमार, जितेन्द्र उर्फ़ जीतू, विशाल त्यागी और हरेंदर के साथ प्रियंका शर्मा जो गिरोह में शामिल हैं। को गिरफ्तार कर जेल भेजा हैं वही प्रियंका शर्मा, शामली में कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात है और दीपक कुमार की पत्नी हैं, जो इस पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड है. इस गिरोह को ग्रेटर नोएडा जोन साइबर सेल प्रभारी और एच्छर चौकी इंचार्ज मोटी रकम देकर संरक्षण दे रहे थे, इन दोनों को भी निलंबित किया गया है। डीसीपी ग्रेटर नोएडा अभिषेक वर्मा ने बताया कि इस मामले में कई पुलिस कर्मियों के नाम भी सामने आ रहे है। जिनके खिलाफ जांच की जा रही है। इसमें एक पुलिस कॉन्स्टेबल सहारनपुर में भी पोस्टेड है। इसके अलावा अन्य पुलिस कर्मियों का नाम भी सामने आया है। जिनके खिलाफ जांच की जा रही है।
डीसीपी ग्रेटर नोएडा अभिषेक वर्मा ने बताया कि आरोपी वर्ष 2019 से गाजियाबाद के विजयनगर में फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर रहे थे। आरोपियों ने ग्रेटर नोएडा स्थित सोसायटी में रहने वाले भेल सेवानिवृत्त अधिकारी अशोक शर्मा से दो साल में 80 लाख की ठगी की थी। अशोक शर्मा से इंश्योरेंस पॉलिसी का डेढ़ करोड़ बोनस देने के नाम पर पीड़ित से ठगी की गई। ठगी की रकम में से 52 लाख रुपये अकेले दीपक के हिस्से में आए थे। गिरोह में शामिल छह अन्य आरोपित अभी फरार हैं। ठगी की रकम में से साढ़े 12 लाख रुपये महिला सिपाही प्रियंका शर्मा के खाते में ट्रांसफर किए गए थे। गिरफ्तारी के बाद शामली के एसपी अभिषेक झा ने प्रियंका को निलंबित कर दिया है।
पुलिस की जांच के अनुसार मुख्य आरोपित दीपक महिंद्रा फाइनेंस, एचडीएफसी लोन समेत कई अन्य जगह नौकरी कर चुका है। इन्हीं जगह नौकरी करके वह ग्राहकों का डाटा चोरी कर लेता था और फिर उनको फोन कर ठगी का शिकार बनाया जाता था। पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपियों ने रायबरेली के गरीब व्यक्ति के खाते में ठगी की रकम मंगाई थी। गरीब व्यक्तियों को नौकरी दिलवाने का झांसा देकर उनका खाता बैंक में खुलवाया गया था। आरोपित ठगी के फर्जी कॉल सेंटर से रोजाना पचास हजार से एक लाख रुपये कमा लेते थे। सबसे बड़ी ठगी उन लोगों ने भेल के सेवानिवृत्त अधिकारी अशोक शर्मा से की गई। आरोपियों के खिलाफ पुलिस गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई कर उनकी संपत्ति जब्त करेगी।